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(संपूर्ण ज्ञानेश्वरी) دیانشواری به زبان مراتی ( BhavarthDeepika भावार्थ
ज्ञानेश्वरी - دیانشواری به زبان مراتی نوشته قدیس و شاعر مراتی دیانشوار
माझा मराठाचि बोलू कौतुके
परि अमृतातेहि पैजासी जिंके
ऐसी अक्षरे रसिके। मेळवीन
دنیاشواری | ज्ञानेश्वरी، همچنین به عنوان Jnanesvari، Jnaneshwari یا Bhavartha Deepika نیز شناخته می شود | भावार्थदीपिका شرحی است بر باگاواد گیتا که توسط قدیس و شاعر مراتی دنیانشوار در سال ۱۲۹۰ پس از میلاد نوشته شده است.
Dnyaneshwari مبنای فلسفی باگاواتا دارما را فراهم می کند، فرقه ای بهاکتی که تأثیری ماندگار بر تاریخ ماهاراشترا داشت. این کتاب به همراه اکناتی باگاواتا و توکارام گاتها به یکی از کتابهای مقدس تبدیل شد.
محتوای Dnyaneshwari منعکس کننده دانش دقیق کندالینی، متافیزیک و طالع بینی است. تفسیر به خدا به عنوان انرژی اهمیت می دهد.
دنیانشوار شری باگاواد گیتا را که از 750 شولوکا تشکیل شده بود، به حدود 9999 آیه مراتی (ओवी) گسترش داد.
शा.श. 2018، 2012. १२ ९ ० ، नेवासे या गावातील मंदिात एक खांबाला टेकून भगवदर जानेशांनी जे केले केले तालाच जानेश जानेश किंवानेश किंवा भा भावा ورزیده
वरांचा हा भावार्थाने परिपूर्ण ग्रंं मराठीतील सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ आहे. कर्मयोग، ज्ञानयोग व भक्तियोग सांगााा नेश्वरीत सुमारे ९००० ओव्या आहेत
برنامه شامل:
● अध्याय पहिला - अर्जुन विषादयोगः
◆ अध्याय दुसरा - सांख्ययोगः
● अध्याय तीसरा - कर्मयोगः
◆ अध्याय चौथा - ज्ञाकर्मसंन्यासयोगः
● अध्याय पाचवा - संन्यासयोगः
◆ अध्याय सहावा - ध्यानयोगः
● अध्याय सातवा - ज्ञनविज्ञानयोगः
◆ अध्याय आठवा - अक्षरब्रह्मयोगः
● अध्याय नववा - राजविद्याराजगुह्ययोग
◆ अध्याय दहावा - विभूतियोगः
● अध्याय अकरावा - विश्वरूपदर्शनयोगः
◆ अध्याय बारावा - भक्तियोगः
● अध्याय तेरावा - क्षेत्रक्षेत्रज्ञया
◆ अध्याय चौदावा - गुणत्रयविभागयोगः
● अध्याय पंधरावा - पुरुषोत्तमयोगः
◆ अध्याय सोळावा - दैवासुरसंपत्तिविावा
● अध्याय सतरावा - श्रद्धात्रयविभागयो
◆ अध्याय अठरावा - मोक्षसंज्ञासयोगः
● पसायदान
● ज्ञानेश्वरांची आरती
Last updated on 01/12/2024
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بارگذاری شده توسط
Ko Kyaw Kyaw
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گزارش
Dnyaneshwari - ज्ञानेश्वरी
1.2 by Bapusaheb Shinde
01/12/2024